विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस की दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे, इस दौरान वह अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ वार्ता करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी देश की तैयारियों को अंतिम रूप देंगे।
मई में सत्ता संभालने के बाद से जयशंकर की यह पहली मॉस्को यात्रा है। उनकी यात्रा 4 से 6 सितंबर तक व्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच से पहले तैयारियों को अंतिम रूप देंगे , जहां प्रधान मंत्री मोदी मुख्य अतिथि होंगे।
मोदी की यात्रा के दौरान भारत-रूस के बीच निवेश, सैन्य संबंध, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग, अंतरिक्ष एवं ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी। आशंका है कि इस दौरान ईरान के परमाणु कार्यक्रम और अफगानिस्तान से जुड़े विषयों पर भी चर्चा हो सकती है।
जयशंकर और लावरोव प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा और दोनों देशों के बीच 20 वें वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन की तैयारियों का जायजा लेंगे। वे आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।
जयशंकर वहां उप-प्रधान मंत्री यूरी बोरिसोव से भी मुलाकात करेंगे और वल्दाई चर्चा क्लब में हिंद-प्रशांत पर भारत के परिप्रेक्ष्य विषय पर चर्चा में भाग लेंगे। बता दे की जयशंकर बुडापेस्ट से मॉस्को पहुंचे, जहां उन्होंने हंगरी के अपने समकक्ष पीटर स्चिज्जार्तो के साथ “बहुत सकारात्मक और उत्पादक” बैठक की और दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिब्धता दोहराई।
गौरतलब है की, विदेश मंत्री जयशंकर की यात्रा से कुछ दिन पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी मॉस्को की यात्रा की थी और अपने रूसी समकक्ष निकोलाई पेत्रुशेव के साथ बातचीत की, जिसके दौरान दोनों पक्षों ने संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और तीसरे पक्षों के गैर-हस्तक्षेप के सिद्धांतों के लिए समर्थन को रेखांकित किया।