कहते है वही देश तेजी से आगे बढ़ता है जो अपनी संस्कृति को तेजी से आगे बढ़ाता है और हमेशा उसे अपनाता है। आज भारत ऐसा करता हुआ दिखाई दे रहा है। तभी तो जहां एक तरफ सदियों पुरानी मूर्तियां भारत आ रही है जो भारत से चोरी हो गई थी तो अब भारत में पहली बार बीएचयू में हिंदू अध्ययन कोर्स की शुरूआत हो गई है।
देश का पहला हिंदू अध्ययन कोर्स बीएचयू में हुआ शुरू
बीएचयू में देश का पहला हिंदू अध्ययन कोर्स शुरू किया गया है जहां भारतीय संस्कृति को अब पूरा विश्व समझेगा। 2 साल के इस कोर्स के लिये 46 छात्रों ने प्रवेश लिया है जिसमें विदेशी छात्र भी शामिल है। जानकारो की माने तो इस कोर्स के जरिए भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म को साइंटिफिक नजरिए से समझने में मदद मिलेगी। स्कूल का मुख्य उद्देश्य भारतीय परंपराओं में भारतीय पद्धतियों में एक तत्व बनाना और विश्व पटल पर इसे समझाना है। कोर्स में भारत के सिद्धांत, भारत के विचार और इन सिद्धांतों का किस तरीके से लोक कल्याण का उद्देश्य बताया जाएगा। सभी चीजें रामायण और महाभारत में दिखाई देती है और रामायण महाभारत में भारत जीवन दर्शन दिखाई देता है। कैसे इन दिनों में अपने जीवन में सिद्धांतों को उतारा जाये इसका भी ज्ञान इस कोर्स में दिया जायेगा।
अपनी सभ्यता को पहचानने का मिलेगा मौका
वही इस कोर्स से आज के युवाओ को बारत की सम्यता का ज्ञान मिलेगा। जैसे हमारे मंत्र इतने प्रभावी हैं। लेकिन, वह युवा तक नहीं पहुंच पाए जिसके कारण उन्हें अपने मंत्र भी नहीं पता है। इतने सालों में हिंदू धर्म पर कोई शोध नहीं किया गया। छात्र-छात्राओं ने बताया कि हम रियल स्पिरिचुअलिटी को जानना चाहते हैं और उसके लिए आपको हिंदू धर्म के ग्रंथ से ही जाना पड़ेगा। आज विदेशी हमारी संस्कृति को परखने में और जानने में लगे है लेकिन देश के युवा इससे दूर जा रहे है ऐसे में ये कोर्स कही ना कही देश के युवाओं को एक नया विश्वास दिलायेगा।
इस कदम से ये तो है कि विश्व भारत की ताकत को जान सकेगा लेकिन कुछ लोग इसे हिंदुत्व को लेकर भ्रम फैला सकते हैं, ऐसे लोगो से हमे सावधान रहना होगा क्योंकि वो कही ना कही हमारी विरासत को हमेशा इतिहास के अंधकार में दफन रखना चाहते है। क्योंकि वो अच्छी तरह जानते है कि अगर हम अपने इतिहास को जान गये तो भारत विश्वशक्ति के तौर पर खड़ा होगा और हमें ऐसा ही भारत का निर्माण करना है।