डीआरडीओ(डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन) ने शुक्रवार को रक्षा क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल कर ली। डीआरडीओ ने राजस्थान में पोखरण परीक्षण फायरिंग रेंज में एक स्वदेशी तौर पर विकसित की गई 500 किलोग्राम के गाइडेड बम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। बताया गया कि बम ने उच्च सटीकता के साथ 30 किमी की दूरी पर अपने लक्ष्य को निशाना बनाया। इस गाइडेड बम के मिलने के बाद एयर फोर्स की मारक क्षमता में वृद्धि होगी।
#Visuals: DRDO today successfully test-fired an indigenously-developed 500 kg inertially Guided Bomb at the Pokhran test firing range in Rajasthan. The bomb hit its target at 30 km with high precision. pic.twitter.com/sFKp92oJRt
— ANI (@ANI) May 24, 2019
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि गाइडेड बम ने सफलतापूर्वक रेंज हासिल करते हुए लक्ष्यक पर काफी सटीक निशाना लगाया। मंत्रालय ने बताया की, डीआरडीओ ने राजस्थान के पोकरण परीक्षण रेंज से एसयू-30 एमकेआई विमान से 500 किलोग्राम श्रेणी के एक इंनर्शियल गाइडेड बम का सफल उड़ान परीक्षण किया। बयान के मुताबिक, बम छोड़े जाने के परीक्षण के दौरान मिशन के सभी उद्देश्यष पूरे हो गए। यह प्रणाली विभिन्ना युद्धक हथियारों को ले जाने में सक्षम है। 500 किलोग्राम श्रेणी वाले गाइडेड बम मिलने से वायुसेना की मारक क्षमता में काफी इजाफा होगा।
गौरतलब है कि गाइडेड बम का परीक्षण ऐसे समय में किया गया है, जब दो दिन पहले ही भारतीय वायुसेना ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में सुखोई विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। हवा से सतह पर मार करने में सक्षम इस 2.5 टन वजनी मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर की है। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ध्वनि के वेग से करीब तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से लक्ष्य को भेदती है।