संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने दो टूक कहा है कि आतंकवाद किसी भी रूप में और इसका दोहरा चरित्र बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। UNSC में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवादी गतिविधियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा, विषय पर बोलते हुए कहा, कुछ देश ऐसे हैं जो आतंकवाद के खिलाफ काम करने के सामूहिक प्रयास को कमजोर कर रहे हैं।
आतंकवाद के मुद्दे पर चीन को भारत ने दिखाया आईना
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद को लेकर चीन की दोहरे मापदंडों पर तीखा हमला बोला है। हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे कुख्यात आतंकवादियों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों की राह में चीन की तरफ से अड़ंगा लगाने को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उसे आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी घोषित करने के अनुरोधों के रास्ते में बिना किसी उचित कारण देशों को बाधाएं नहीं खड़ी करनी चाहिए। भारत ने चेताया कि कोई भी दोहरा मापदंड या आतंकवादियों के बीच भेदभाव सिर्फ हमें तकलीफ पहुंचाएगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय समान विचार रखता है कि आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा होनी चाहिए। इसमें कोई अपवाद नहीं हो सकता है। ना ही किसी आतंकवादी गतिविधि को सही ठहराया जा सकता है।
आतंक को पालने वालों पर हो सख्त कार्यवाही
इतना ही नहीं भारत ने दुनिया को आगाह किया कि जितना दहशतगर्द दुनिया के लिये खतरनाक है उससे ज्यादा उन्हें मदद करने वाले हैं। क्योंकि पर्दे के पीछे कहीं ना कहीं वो सिर्फ आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं और दुनिया की शांति खत्म कर रहे हैं ऐसे लोगों पर कठोर कार्यवाही करना चाहिये। बिना नाम लिए पाकिस्तान का भारत ने उसे झाड़ते हुए साफ किया कि भारत दुनिया के सामने कई बार साबूत दे चुका है कि उसका पड़ोसी कैसे अपने देश में आतंकवाद को पालपोश रहा है। सबसे बड़ा सबूत तो ये है कि उसी के देश से दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी लादेन भी पाया गया था। ऐसे में दुनिया को उसके खिलाफ शाख्त कार्यवाही करते हुए अनुदान में मिलने वाले फंडों को बंद करना चाहिये।
आतंकवाद को न्यायसंगत ना बताएं, आतंकवादियों का महिमामंडन ना करें, दोहरा मापदंड ना अपनाएं। आतंकवादी, आतंकवादी होते हैं, उनमें फर्क कर हम सिर्फ अपनी तकलीफें बढ़ाएंगे, बिना किसी कारण के आतंकवादी घोषित करने के रास्ते में बाधा पैदा ना करें। जिससे दुनिया में अमन कायम हो सके।