आजादी के बाद इस देश ने कई चुनाव के दौर देखे कई बड़े नारे सुने है और तमाम पार्टियों के घोषणा पत्रो को भी जाँचा और परखा है लेकिन ज्यादातर इन घोषणा पत्रों मे जो वायदे होते है वो सिर्फ वायदे ही होते है। जमीनी हकीकत मे वो पूरे होते हुए नही दिखाई देते है। क्योकि पार्टिया सत्ता मे आने के लिये कुछ भी वायदे कर देती है इस बार भी कुछ ऐसे ही वायदे लेकर पार्टिया आई है। लेकिन अगर बीजेपी पार्टी का घोषणा पत्र देखे जिसे वो संकल्प पत्र कह रही है वो जरूर थोड़ा अलग दिखता है। खासकर जिस तरह से पार्टी ने जल संकट को कम करने की बात कही है।
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र मे इस बार सबका ध्यान खीचा है और वो इस लिये क्योकि इस बार पार्टी ने देश को जल संकट से उबारने की बात कही है। वैसे ये बात उस वक्त कही गई है जब समूची दुनिया पानी की किल्लत से जूझ रही है और ज्यादातर पर्यावरणविद इसे बहुत बड़ा सकंट मान रहे है। ऐसे मे मोदी एंड कंपनी ने इस ओर घ्यान खीचा है, जो तारीफ के काबिल है।
बीजेपी ने संकल्प पत्र मे साफ किया है कि वो पानी की किल्लत को दूर करने के लिये जल मंत्रालय बनायेगे जिसके तहत देश मे पानी के संकट को दूर करने के लिये उपायो को खोजा जायेगा। खुद मोदी ने इस बाबत कहा कि अटल जी ने इस बाबत कई दशक पहले ही सरकारो को आगह करने की बात कही थी लेकिन उस पर ज्यादा कुछ नही हुआ. हालाकि हमारी सरकार ने देश की नदियों को स्वच्छ बनाने और नई नगरों के जरियो सूखा ग्रस्त इलाकों तक पानी पहुंचाने का काम किया है। लेकिन देश को पूरी तरह से जल सकंट से मुक्त करने के लिये कई बड़े कदम उठाने होगे और उन कदमो को हमने अपने संकल्प पत्र मे बताया है।
अगर बिना सियासत के इस बात को देखा जाये तो ये देश के इतिहास मे पहली बार हुआ है जब किसी पार्टी ने जनता के सामने वायदे की जगह किसी संकट का जिक्र किया है और उसके फ्रिक मे कदम उटाने की बात कही है| ऐसे मे अगर इसी आजादी के बाद का सबसे बेहतर घोषणा पत्र कहे तो गलत नही होगा।