उखड़ती सांसों को थामने के लिए देश के सभी स्टील प्लांट आगे आए हैं। स्टील प्लांट से ही पूरे देश में ऑक्सिजन की सप्लाई हो रही है। देश को सबसे ज्यादा बोकारो सेल और भिलाई से ऑक्सिजन मिल रहा है। बोकारो सेल में कार्यरत मजदूर और अधिकारी दिन-रात प्लांट में काम कर रहे हैं। यहां से हर दिन 150 टन ऑक्सिजन का उत्पादन हो रहा है। एमपी से लेकर यूपी तक में ऑक्सिजन की सप्लाई बोकारो सेल से हो रही है। मजदूर अपनी चिंता छोड़कर लोगों की जान बचाने में लगे हैं।
टिफिन की सुध नहीं ले रहे कर्मचारी
बोकारो सेल में ऑक्सिजन तैयार करने के लिए दो प्लांट हैं। दोनों प्लांटों में अभी तीन शिफ्ट में कर्मचारी काम करते हैं। एक शिफ्ट आठ घंटे की होती है, आठ घंटे की शिफ्ट में कर्मचारी बिना-रुके काम करते रहते हैं। आलम यह है कि अपनी टिफिन तक की सुध कर्मचारी नहीं ले रहे हैं। जब इन्हें टिफिन को लेकर कोई याद दिलाता है तो कर्मचारी कहते हैं कि अभी बहुत काम है। कर्माचरियो की माने तो उनका साफ कहना है कि देश में आई आपदा पर एक बार विजय पा लिया जाये फिर पेट भरकर खाना खाया जायेगा। लेकिन अभी मुसीबत के इस दौर में बस काम में ही लगे रहने दो।
जिंदगी बचाने के लिए आगे आई पुलिस
कोरोना के चलते देश में जिस तरह के हालात कुछ राज्यों में है उसे देखते हुए कुछ अपने अपनो को बीच में छोड़कर भाग खड़े हो रहे है। लेकिन ऐसे लोगो के लिये पुलिस किसी मसीहा की तरह काम कर रही है। क्या शव हो या फिर मरीज भी का पूरा पूरा ध्यान पुलिस रख रही है। और उन लोगों को सहारा दे रही है जिनके आंखो में इस वक्त आंसूओं सागर भरा हुआ है। दिल्ली पुलिस की माने तो अभी तक उनके जवान न जाने कितनों को अस्पताल पहुंचा चुके है तो अस्पतालो में ऑक्सीजन जल्द पहुंचे इसके लिये ग्रीन कोरिडोर बनाकर जल्द से जल्द ऑक्सीजन के टैंकर को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचा रही है। जिससे देश परआई विपदा का अंत हो सके।
फिलहाल इस आपदा से निपटने और इसे हराने के लिये भारत एकजुट होकर खड़ा हो गय़ा है भारत की इसी इच्छा शक्ति के चलते ही भारत ने पहले कोरोना को मात दी थी और इस बार भी मात देकर रहेगे।