मोदी सरकार का मिशन डिजिटल इंडिया तेजी से जोर पकड़ता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है UPI ट्रांजैक्शन।
भारत के अपने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) – एक रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम ने दोहरे मील का पत्थर हासिल कर लिया है। यह UPI एक बिलियन लेनदेन के साथ ही अक्टूबर में 100 मिलियन उपयोगकर्ताओं को पार कर गया है।यह दुनिया में कहीं भी किसी भी भुगतान प्रणाली में सबसे तेजी से बढ़ने वाला सिस्टम बन गया है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) जिसने तीन साल पहले घरेलू भुगतान प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया था और इसे संचालित करने का लक्ष्य सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे अन्य देशों में फंड ट्रांसफर सिस्टम को ले जाना था। तीन साल पहले लॉन्च हुए यूपीआई के जरिए अक्तूबर माह में एक अरब लेनदेन हुए हैं। वहीं पिछले महीने सितंबर में इसके जरिए 95.5 करोड़ लेनदेन हुए थे। साल-दर-साल आधार पर, UPI लेनदेन में 2.3 गुना या 135 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
यूपीआई, जिसमें अभी 141 से अधिक बैंक हैं, डेबिट, क्रेडिट और ई-वॉलेट के विकल्प के रूप में उभरा है।
आपको बता दें कि RBI द्वारा डिजिटल पेमेंट पर नंदन निलेकणी की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी ने सुझाव दिया था कि एनपीसीआई को भारत के बाहर भी यूपीआई, रुपे कार्ड और भीम जैसे पेमेंट सिस्टम का विस्तार करना चाहिए। जिसका फायदा अब देखने के मिल रहा है।
क्या है यूपीआई ?
यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक अंतर बैंक फंड ट्रांसफर की सुविधा है, जिसके जरिए स्मार्टफोन पर फोन नंबर और वर्चुअल आईडी की मदद से पेमेंट की जा सकती है। यह इंटरनेट बैंक फंड ट्रांसफर के मकैनिज्म पर आधारित है।
पहले लॉन्च हुआ था रुपे कार्ड
इससे पहले अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई के बाजार में रुपे कार्ड की पेशकश की थी, संयुक्त अरब अमीरात पश्चिम एशिया का पहला देश बन गया था जिसने इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की भारतीय प्रणाली को अपनाया। भारत इससे पहले सिंगापुर और भुटान में रुपे कार्ड के चलने को शुरू कर चुका था।