प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे की इतनी प्रगति हुई है, जितनी पहले कभी नहीं हुई। भारतीय रेलवे की विनिर्माण इकाई चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (CLW) के लिए ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है। एक वर्ष में सबसे अधिक इंजनों को बनाकर सीएलडब्ल्यू ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है। पश्चिम बंगाल में स्थित चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में 402 लोकोमोटिव इंजन का उत्पादन किया। सीएलडब्ल्यू ने 350 लोकोमोटिव के उत्पादन के अपने स्वयं के रिकॉर्ड को तोड़कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले उसने यह रिकॉर्ड 2017-18 के दौरान बनाया था।
मोदी सरकार ने रेलवे के विकास के लिए कई कदम उठाए और सुरक्षित सफर के लिए कई उपाय किए हैं। आइयें डालते हैं एक नजर-
सुरक्षा
भारतीय रेलवे के लिए 2019 ऐतिहासिक साबित हुआ और उसे एक नया कीर्तिमान अपने नाम दर्ज कराने में सफलता मिली। दरअसल, रेल दुर्घटनाओं में 2019 में किसी भी यात्री की जान नहीं गई, और इस उपलब्धि के लिए 2019 रेलवे के इतिहास में सर्वाधिक सुरक्षित वर्ष के रूप में दर्ज हो गया।
रेलवे की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारतीय रेलवे के 166 साल के लंबे इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि वित्त वर्ष 2019-20 में अभी तक ट्रेन दुर्घटना में किसी भी यात्री की जान नहीं गई। इन आंकड़ों में कहा गया है कि पिछले साल रेलवे में रेलकर्मियों की तो मौत हुई लेकिन पिछले 12 महीनों में किसी भी यात्री की मौत नहीं हुई। इससे पहले, वर्ष 2018-19 में रेलवे में अनेक दुर्घटनाओं में 16, वर्ष 2017-2018 में 28 और 2016-2017 में 195 लोगों की मौत हुई थी।
एक साल में बने 6,713 कोच और इंजन, रचा इतिहास
वडोदरा में भारत का पहला राष्ट्रीय रेल और परिवहन विश्वविद्यालय खुला है। कर्मचारी सशक्तिकरण से लेकर कौशल बढ़ाने के नए अवसरों पर ध्या न केंद्रित करते हुए रेलवे अपने कार्यबल में एक नई ऊर्जा भर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रेलवे भारत की जीवन रेखा बन जाए और भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ताकत दें।
इसी कड़ी में रेलवे को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। रेलवे ने वित्त वर्ष 2018-19 में रिकॉर्ड 6,713 कोच, इंजनों का निर्माण किया है। चेन्नई स्थित भारतीय रेलवे की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने मार्च 2019 में चीन की राष्ट्रीय निर्माता को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे बड़ी कोच निर्माता के रूप में उभरी है। चीन सालाना तौर पर 2600 कोच बनाता है। आईसीएफ ने ना केवल रिकॉर्ड संख्या में कोच का निर्माण किया, बल्कि ट्रेन 18 – वंदे भारत एक्सप्रेस का भी निर्माण किया है।
2022 तक रेलवे ट्रैक का सौ फीसदी विद्युतीकरण का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भारतीय रेलवे का कायापलट करने के मिशन में लगी है। बीते पांच वर्षों में रेल यात्रा को सुगम बनाने और रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। मोदी सरकार ने रेलवे में आधारभूत ढांचे के निर्माण को जितना काम किया है, उतना कार्य पहले कभी नहीं हुआ। अब मोदी सरकार ने रेलवे ट्रैक का सौ फीसदी विद्युतीकरण करने का फैसला किया है। केंद्रीय कैबिनेट ने रेलवे ट्रैक के सौ फीसदी विद्युतीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद 2022 तक देश की सभी ब्रॉड गेज रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया जाएगा।
10 रूटों पर शुरू हुई ‘सेवा सर्विस ट्रेनें’
भारतीय रेलवे ने बड़े शहरों को छोटे शहरों से जोड़ने की तरफ एक नया कदम उठाया है। इसके लिए रेलवे ने 10 नई सेवा ट्रेनें (Sewa Trains) चलाने का फैसला लिया है। इन ट्रेनों को चलाने का उद्देश्य लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्लीम-शामली यात्री ट्रेन का शुभारंभ कर नई दिल्ली से इन सेवाओं की शुरुआत की। रेलवे द्वारा चलाए जाने वाली इन 10 ट्रेनों में से 5 ट्रेनें रोजाना चलेंगी, वहीं बाकी 5 ट्रेनें सप्ताह में 6 दिन ही चलेंगी।
जिन सेवा सर्विस ट्रेनों को रेल मंत्री ने हरी झंडी दिखाई है, वो इस प्रकार है:
• दिल्ली से शामली,
• वडनगर से मेहसाणा,
• मुरुकोंगसेलेक से डिब्रुगढ़,
• भुवनेश्वर से नयागढ़ टाउन,
• असरवा से हिम्मतनगर,
• करूर से सेलम,
• यशवंतपुर से टुमकुर,
• कोयंबटूर से पोलाच्ची,
• कोयमब्टूर से पलनी

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