चीन अगर डाल डाल है तो भारत भी पात पात के वसूलों पर चल रहा है। तभी तो अगर चीन ने नाम बदल कर देश के डाटा में डाका डालना बंद नही किया था तो अब भारत ने उसपर भी सख्त कदम उठाते हुए उसके 54 ऐप्स पर डिजिटल स्ट्राइक करते हुए रोक लगा दी है। केंद्र सरकार ने 54 से अधिक चीनी ऐप्स को भारतीयों की प्राइवेसी और सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए प्रतिबंध लगाने के नए आदेश जारी किए हैं। इनमें से कई ऐप टेंसेंट अलीबाबा और गेमिंग कंपनी नेटइज जैसी बड़ी चीनी टेक्नोलॉजी कंपनियों के हैं। 2020 में भारत द्वारा लगाए गए बैन के बाद इन ऐप्स को रीब्रांड कर भारत में लॉन्च किया गया था।
अब तक 224 चीनी ऐप्स पर लगाया गया बैन
एक बार फिर से भारत सरकार ने चीन को जोरदार झटका दिया है क्योकि सरकार ने चीन के 54 एप्स पर रोक लगा दी है। सरकार की माने तो चीन की ये कंपनिया भारत के संवेदनशील डाटा को चोरी करके कही ना कही चीन तक पहुंचा रही थी जिसके चलते सरकार ने इन पर कार्यवाही करते हुए रोक लगाई है। भारत ने जून 2020 में सबसे पहले चीनी कंपनियों के ऐप्स पर बैन लगाया था। ये कार्रवाई गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद हुई थी। इस झड़प में चीन के भी 40 के करीब जवान मारे गए थे। वहीं, जून 2020 में चीनी ऐप्स पर बैन लगाने के बाद अब तक 224 ऐप्स भारत में बैन किए जा चुके हैं। पहले दौर में भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगाया, जिसमें टिकटॉक, शेयरिट, वीचैट, हेलो, लाइक, यूसी न्यूज, बिगो लाइव, यूसी ब्राउज़र, ईएस फाइल एक्सप्लोरर और एमआई कम्युनिटी जैसे लोकप्रिय एप्लिकेशन शामिल थे।
चीन पर जारी है भारत का प्रहार
इससे पहले भी भारत सरकार ने चीनी स्वामित्व वाली वित्तीय कंपनी के 288 करोड़ जब्त किये थे। इन कंपनियो ने भी देश में वित्तीय कबन किया था जिसके चलते चुरन कार्यवाही करके इन कंपनियो से पैसा वसूला गया था। ठीक इसके बाद चीन को एक और जोर का झटका तब लगा था जब भारत ने चीन से निर्यात हो रहे ड्रोन पर रोक लगा दी थी जिससे उनकी कंपनियों को लाखो का नुकसान पहुंचा है। सरकार के इन कदमो से चीन का आर्थिक तंत्र लगातार कमजोर हो रहा है जिससे जिन आज परेशान हो कर सीमा पर खीच निकाल रहा है लेकिन भारत वहां पर भी चीन पर सवा शेर साबित हो रहा है।
ये प्रमाण है उन लोगों के लिये जो मोदी सरकार पर ये बोलकर हमला करते है कि मोदी सरकार चीन के मुद्दे पर शांत रहती है। लेकिन चीन पर भारत सरकार का वॉर लगातार चल रहा है और भारत चीन को ऐसी चोट दे रहा है जिसका घाव बहुत गहरा पड़ रहा है।