केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को पीएम के निर्देश पर केंद्र सरकार के विभागों, केंद्र शासित प्रदेशों और सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में भ्रष्टाचार के खिलाफ देश भर में 150 स्थानों पर एक साथ संयुक्त रूप से औचक निरीक्षण किया ताकि गड़बड़ियों को पकड़ा जा सके।
Central Bureau of Investigation (CBI) conducted a special drive under which 150 joint surprise checks were carried out at places across the country. Checks were held at various places of suspected corruption. pic.twitter.com/F8cbBPaQIZ
— ANI (@ANI) August 30, 2019
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, गुवाहाटी, श्रीनगर, शिलांग, चंडीगढ़, शिमला, चेन्नई, मदुरै, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, गांधीनगर, गोवा, भोपाल, जबलपुर, नागपुर, पटना, रांची, गाजियाबाद, लखनऊ और देहरादून में एक साथ की गई।
अधिकारियों ने कहा कि विशेष अभियान भ्रष्टाचार के ऐसे बिंदुओं पर आयोजित किया गया था, जहां आम नागरिक या छोटे व्यवसायी सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार की अधिकतम सीमा महसूस करते हैं। अधिकारियों ने कहा कि यह अभियान भ्रष्टाचार के संभावित तरीकों और आम आदमी के सामने ऐसे विभागों की सेवाएं लेते समय आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरुकता लाएगा। इस अभियान में केवल केंद्र सरकार के विभाग और केंद्र के सार्वजनिक उपक्रम और सार्वजनिक बैंकों के अलावा केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया क्योंकि एजेंसी राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र से संबंधित विभागों में ऐसा नहीं कर सकती जब तक कि संबंधित सरकार द्वारा अधिसूचना न जारी की जाए या उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय का आदेश न हो। जिन विभागों पर अचानक छापे मारे गए उनमें रेलवे, कोयला खदानें, कोयला क्षेत्रों, चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य संगठन, सीमा-शुल्क और एफसीआई शामिल थे। अन्य विभागों में ऊर्जा, नगर निगम, ईएसआईसी, परिवहन, सीपीडब्ल्यूडी, संपदा निदेशालय, अग्निशमन सेवाएं,उपरजिस्ट्रार कार्यालय, जीएसटी, बंदरगाह, राष्ट्रीय राजमार्ग, डीएवीपी, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां, डीजीएफटी, सार्वजनिक बैंक, एएसआई, जहाजरानी निगम, बीएसएनएल, इस्पात सार्वजनिक उपक्रम, खान एवं खनिज विभाग शामिल थे।
सूत्रों ने अनुसार इन छापों का मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन को सुगम बनाने के संदेश को आगे ले जाना था।