देश में पिछले 7 सालो में आतंकी हमलों को लेकर लगातार गिरावट देखी जा रही है। कश्मीर हो या नक्सलवाद वाले इलाके हर जगह आज अमन कायम होता हुआ दिख रहा है। सरकार ने इस बाबत संसद में ऑकड़ो के साथ जानकारी दी है जो ये बताता है कि देश में लगातार आतंकी घटनाए घट रही है और अमन बनता जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में गिरावट आई
मोदी सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि लगातार साल दर साल घाटी में आतंकी घटना कम होती जा रही है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया कि जम्मू-कश्मीर में 2018 में 417, 2019 में 255, 2020 में 244 और 2021 नवंबर तक 203 आतंकवादी घटनाएं हुईं। ऐसे में आतंकी घटनाओं में लगातार गिरावट आई है। जम्मू और कश्मीर से धारा 370 को खत्म किए जाने के बाद 96 आम नागरिकों की हत्या हुई है जबकि सुरक्षा बलों ने इस दौरान 366 आतंकवादियों को मार गिराया है। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद कोई भी कश्मीरी पंडित या हिन्दू घाटी से विस्थापित नहीं हुआ है। हाल ही में कश्मीर में रह चुके कुछ कश्मीरी पंडित परिवार, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं, जम्मू क्षेत्र में चले गए हैं। ये परिवार सरकारी कर्मचारियों के हैं जिनमें से कई परिवार कर्मचारियों की आवाजाही के भाग के रूप में और शैक्षणिक संस्थानों में शीतकालीन अवकाश के चलते सर्दियों में जम्मू चले जाते हैं।
नक्सलवाद प्रभावित जिलों की संख्या में कमी
इसके साथ साथ देश के नक्सलवाद प्रभावित जिलों की संख्या जुलाई, 2021 में 126 से घटकर 70 हो गई इसमे सबसे अधिक 16 जिले झारखंड में हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में 14, बिहार एवं ओडिशा में 10-10 जिले, तेलंगाना में छह, आंध्र प्रदेश में पांच, केरल और मध्य प्रदेश में तीन-तीन जिले हैं। सरकार ने ये भी बताया की नक्सलवाद इलाको में राज्य और केंद्र की कोशिश का ही ये नतीजा है कि आज हालात पहले से काफी सुधरे है तो लाल आतंक अब देश में सिमटा जा रहा है और जल्द ही ये सिर्फ भारत के इतिहास में रह जायेगा। वैसे सरकार ने इन नक्सल प्रभावित राज्यो में तेजी से विकास का काम भी किया है जिसके चलते आज ऐसी स्थिति बन पाई है।
मोदी सरकार के आये अभी 7 साल ही हुए हैं लेकिन इन पाँच सालों में देश में आंतरिक सुरक्षा का ही नतीजा है कि आज अमन शांति हो पाई है। आज देशवासी खुलकर बिना किसी भय के अपना त्योहार धूमधाम से मनाते है क्योकि उन्हे आतंकी घटनाओं की चिंता नहीं होती है और इसका श्रेय अगर किसी को जाता है तो वो मोदी सरकार है