देश के गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर तबके को समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु शुरू की गयी प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत अब एक नए रूप में अगले महीने से लागू होने वाली है|
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA), जो आयुष्मान भारत योजना को लागू करने वाली एजेंसी है ने आयुष्मान भारत के नए संस्करण आयुष्मान 2.0 को मंजूरी दे दी है| इस बदले स्वरुप में यह योजना अब लाभान्वितों को और भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ सुनिश्चित करती है| इतना ही नहीं, बहुत सारी ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं को इसमें जोड़ा गया है, जिसका प्रावधान पहले नहीं था| साथ ही इस योजना के पहले के प्रावधानों में कई सुधार भी किये गए हैं|
क्या ख़ास है आयुष्मान 2.0 में
आयुष्मान 2.0 में करीब 200 नए पैकेज शामिल किये गए हैं| इस योजना में कैंसर जैसी जानलेवा और लाइलाज बीमारी के उपचार को भी जगह दी गयी है| इसके अलावा कार्डियोलॉजी तथा ओर्थोपेडिक सम्बंधित बिमारियों को भी इसमें शामिल किया गया है जिससे की आयुष्मान भारत योजना कवर के अंतर्गत आने वाले नागरिकों को ज्यादा से ज्यादा बिमारियों के उपचार की सुविधा मिल सके|
कैंसर का इलाज हुआ आसान
आयुष्मान भारत योजना 2.0 के अंतर्गत कैंसर का इलाज दवा के आधार पर होगा न कि कैंसर के प्रकार पर| जिसका अर्थ है कि अब बीमार व्यक्ति को किस प्रकार का कैंसर है, उस से कोई फर्क नहीं पड़ता| सम्बंधित अस्पताल उसका इलाज करने को बाध्य होंगे| पहले अस्पताल कैंसर के प्रकार पर मरीजों को एडमिट करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और आम आदमी को कैंसर के इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा|
उल्लेखनीय है आयुष्मान योजना के अंतर्गत कैंसर के इलाज के लिए टाटा मेमोरियल अस्पताल के साथ करार किया गया है| एक अक्टूबर से आयुष्मान 2.0 लागू होने के बाद से प्रधानमन्त्री मोदी का एक स्वस्थ भारत का सपना पूरा करने की दिशा में आयुष्मान भारत योजना अब पहले के मुकाबले ज्यादा कारगर साबित होगी|

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