आज दुनिया में चिकित्सा के मामले में भारत का डंका बज रहा है, इसका एक उदाहरण तब मिला जब आयुर्वेदिक उपचार से केन्या के पूर्व पीएम की बेटी की आंखों की रौशनी लौट आई। इतना ही नही कोरोना काल में भी भारत ने जिस तरह से अपनी दवाइयों से विश्व के देशों में पहुंचाकर दुनिया की मदद की थी वो विश्व भूला नही है, तभी तो दुनिया आज भारत को दुनिया की फार्मेसी के नाम से नवाज रही है। इस बीच इस खबर ने ये बता दिया कि भारत चिकित्सा के मामले में नबंर वन है।
आयुर्वेदिक दवाओं की ‘जय जय’
भारतीय आयुर्वेदिक इलाज ने अफ्रीकी देश केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा की बेटी की आंखों की रोशनी लौटा दी है। यह दावा खुद केन्या के पूर्व पीएम ने किया है। केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा ने कहा कि मैं अपनी बेटी की आंखों का इलाज करवाने के लिए केरल के कोच्चि आया था। 3 सप्ताह के इलाज के बाद उसकी आंखों की रोशनी में काफी सुधार हुआ है। रैला ओडिंगा ने कहा कि ये मेरे परिवार के लिए एक बड़ा आश्चर्य था कि हमारी बेटी इलाज के बाद लगभग सबकुछ देख सकती है। ये किसी चमत्कार से कम नहीं है।
Delighted to receive my friend H.E. Raila Amolo Odinga, former Prime Minister of Kenya. I fondly recollect my past interactions with him in India and Kenya.
India and Kenya enjoy strong bilateral relations and we welcome further strengthening of our ties. pic.twitter.com/vz39ij5y4f
— Narendra Modi (@narendramodi) February 13, 2022
पूर्व पीएम ने की आयुर्वेद की तारीफ
भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्दति की प्रशंसा करते हुए रैला ओडिंगा ने कहा कि इन पारंपरिक दवाओं के इस्तेमाल से आखिरकार उसकी आंखों की रोशनी वापस आ गई। उन्होंने कहा कि इससे हमें काफी आत्मविश्वास मिला। रैला ओडिंगा ने कहा कि मैंने इस उपचार पद्दति को अफ्रीका में लाने और चिकित्सा के लिए इन पौधों के इस्तेमाल करने के लिए पीएम मोदी के साथ चर्चा की। बीते 2 सालों में प्रधानमंत्री मोदी दुनिया भर में अपने सार्वजनिक संबोधनों में भारतीय आयुर्वेद के बारे में बताते आए हैं। आयुर्वेद चिकित्सा पद्दति की वकालत करते आये हैं।
अब आप खुद देख लीजिये एक तरफ दुनिया आयुर्वेद को अपना रही है और उसका जय जयकार कर रही है लेकिन दूसरी तरफ देश में ही कुछ लोग है जो आयुर्वेद को लेकर मजाक उड़ाते है और अपनी ही सभ्यता और संस्कृति पर हंसते है लेकिन ऐसे लोग शायद ये भूल चुके है कि भारत की युगों पुरानी इस संकृति से ही भारत की पहचान है और हमारी भी।