पश्चिम में पाकिस्तान तो उत्तर में चीन ये दो मुल्क ऐसे हैं जो भारत को उभरता हुआ नहीं देखना चाहते हैं तभी तो ये लोग लगातार भारत की सीमा पर माहौल को खराब रखते हैं। ऐसे में भारत को इनसे निपटने के लिये अपनी सेना की शक्ति को बेहतर बनाना होगा। लेकिन इस पर सबसे ज्यादा काम अगर कोई कर रहा है तो वो मोदी सरकार है जिसके चलते सरकार लगातार भारतीय फौज को नये हथियार से लैस कर रही है।
सेना को जल्द मिलेंगी 1750 बख्तरबंद गाड़ियां
भारतीय सेना को ऐसे वाहन की जरूरत है जो सड़क और बिना सड़क पर 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चले। इसमें दुश्मन के टैंक को तहस-नहस करने की ताकत हो। सेना ने सभी अत्याधुनिक तकनीक से लैस ऐसे 1,750 फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री लड़ाकू वाहनों को अब खरीदने का फैसला भी कर लिया है इतना ही नहीं इसके साथ सरकार 350 नये टैंक भी खरीदने जा रही है। जिसके आने के बाद देश की सेना की ताकत और अधिक बढ़ जायेगी। मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत भारतीय सेना 1,750 फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल का अधिग्रहण करने जा रही है। सेना इन एफआईसीवी को पूर्वी लद्दाख और रेगिस्तानी और उभयचर इलाकों में तैनात करने की योजना बना रही है। यह विकास 1,770 उन्नत मुख्य युद्धक टैंकों को शामिल करने के लिए प्रस्तावित मेगा ‘मेक इन इंडिया’ परियोजना के लिए एक और आरएफआई जारी किए जाने के बाद आया है।
Indian Army issues Request for Information for plans to acquire 1750 Futuristic Infantry Combat Vehicles under the Make in India, to destroy enemy tanks & carry troops. Indian Army says it wants to deploy vehicles in places like Eastern Ladakh along with desert&hibious terrain pic.twitter.com/QrVrjfit2z
— ANI (@ANI) June 24, 2021
व्हीकल में एंटी टैंक मिसाइल भी
आरएफआई के अनुसार, इन कॉम्बेट व्हीकल्स को भारत की उत्तरी सीमाओं यानी लद्दाख, मध्य और सिक्किम सेक्टरों में ऑपरेशन्स के लिए तैनात किया जाएगा। इन एफआईसीवी का इस्तेमाल सैनिकों के तेजी से मूवमेंट करने और टैंकों के खिलाफ किया जाता है। इन कॉम्बेट व्हीकल्स में 8-10 सैनिक अपने हथियारों के साथ तैनात रह सकते हैं। इसके अलावा मशीन-गन और एटीजीएम यानि एंटी टैंक गाईडेड मिसाइल से भी लैस रहती है।
सेना ने इसके लिये निविदा भी निकाल दी है। खासबात ये है कि इस बार सेना ने इसके लिये विदेशी कंपनियों की जगह देशी कंपनियों को मौका देने की बात कही है। यानी की मेक इन इंडिया के तहत देश की सेना को आत्मनिर्भर बनाने की ओर नया भारत तेजी से बढ़ चला है।