अब तो सही में लगने लगा है कि अगस्त का महीना भारत के लिए काफी विशेष है तभी तो इस महीने में हमेशा ऐतिहासिक फैसले लिये गये हैं। इसी क्रम में आज एक और ऐतिहासिक फैसला पीएम मोदी ने लिया है जिसके चलते देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार यानी खेल रत्न अवॉर्ड को राजीव गांधी की जगह मेजर ध्यानचंद के नाम पर जाना जायेगा।
मेजर ध्यानचंद के नाम होगा खेल रत्न पुरस्कार
खेल रत्न पुरस्कार को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाले सबसे बड़े अवॉर्ड राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर अब हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया गया है। इस अवॉर्ड को अब “मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार” के नाम से जाना जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से हम सभी अभिभूत हैं। विशेषकर हॉकी में हमारे बेटे-बेटियों ने जो इच्छा शक्ति दिखाई है, जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।’
मेजर ध्यानचंद को किया समर्पित
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। जय हिंद!’ पीएम मोदी ने एक और ट्वीट में कहा, ‘मेजर ध्यानचंद भारत के उन अग्रणी खिलाड़ियों में से थे जिन्होंने भारत को सम्मान और गौरव दिलाया। देश का सर्वोच्च खेल सम्मान उन्हीं के नाम पर रखा जाना चाहिए।
I have been getting many requests from citizens across India to name the Khel Ratna Award after Major Dhyan Chand. I thank them for their views.
Respecting their sentiment, the Khel Ratna Award will hereby be called the Major Dhyan Chand Khel Ratna Award!
Jai Hind! pic.twitter.com/zbStlMNHdq
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2021
खेल रत्न का इतिहास
इस अवॉर्ड को खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 1991-92 में शुरू किया गया था। तब इसका नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था। हालांकि इस पर कई बार सवाल उठाया जा चुका था कि इसका नाम हॉकी के सबसे बड़े खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद पर रखा जाये जिसे आज पूरा करके करोड़ो हॉकी प्रेमियों को जश्न मनाने का मौका सरकार ने दिया है। वैसे इसी तरह ठीक 2 साल पहले अगस्त के महीने में धारा 370 हटाकर भी देश की जनता को जश्न मनाने का मौका दिया था ठीक उसी तरह जैसे तीन तलाक को हटाकर एक वर्ग की महिला को दिया था दोस्त ये इसलिये बता रहा हूं क्योंकि ये सब अगर हुआ तब भी अगस्त का ही महीना था ऐसे में ये इस महज संयोग नहीं कहा जा सकता क्योंकि भारत वर्ष का इतिहास उठाकर देखो तो साफ पता चलता है कि इस महीने में आजादी के वक्त से ही इतिहास लिखा जा रहा है।
जो थोड़े दिन तक बंद हो गया था लेकिन पीएम मोदी के सत्ता संभालते ही ये क्रम फिर शुरू हो गये गया है। ऐसे में लगता यही है कि आने वाले सालों में भी अगस्त के महीने में कई इतिहास रचते हुए हम देखेंगे।