दिल्ली
देश के जाने-माने उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने आम भारतीयों को सेना में 3 साल तक काम करने संबंधी प्रस्ताव का समर्थन किया है। इतना ही नहीं, महिंद्रा ने इंडियन आर्मी को खत लिखकर बताया है कि अगर ऐसा किया जाता है तो सेना में 3 साल तक ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ करके आने वाले युवाओं को उनका ग्रुप जॉब में तरजीह देगा।
आनंद महिंद्रा ने लिखा सेना के खत
भारतीय सेना को लिखे ईमेल में महिंद्रा ने लिखा, ‘मुझे हाल ही में पता चला कि भारतीय सेना टूर ऑफ ड्यूटी संबंधी नए प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसके तहत युवाओं, फिट नागरिकों को स्वैच्छिक आधार पर सेना के साथ बतौर जवान या अफसर के तौर पर जुड़कर ऑपरेशनल एक्सपिरियंस लेने का मौका मिलेगा।’
‘महिंद्रा ग्रुप नौकरी देने पर करेगी विचार’
ईमेल में महिंदा ने आगे लिखा है, ‘मुझे पूरा यकीन है कि टूर ऑफ ड्यूटी के तौर पर मिलिटरी ट्रेनिंग के बाद जब वे कार्यस्थल पर आएंगे तो यह बहुत फायदेमंद साबित होगा। भारतीय सेना में चयन और ट्रेनिंग के सख्त मानकों के मद्देनजर मिलिटरी ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को महिंद्रा ग्रुप नौकरी देने पर विचार करेगा।’
भारतीय सेना कर रही है टूर ऑफ ड्यूटी पर विचार
दरअसल इंडियन आर्मी आम भारतीयों के लिए 3 साल की ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो गया तो यह देश के इतिहास का एक बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा। प्रस्ताव के मुताबिक, शुरुआत में ट्रायल के आधार पर टूर ऑफ ड्यूटी के तहत 100 अफसरों और 1000 जवानों को सेना में 3 साल तक के कार्यकाल के लिए रखने की योजना है।
सेना के प्रस्ताव के पीछे यह है मकसद
भारतीय सेना देश के बेस्ट टैलंट को अपनी कुनबे में शामिल करना चाहती है। इस प्रस्ताव से सेना का यह मकसद हासिल करने में आसानी होगी। मौजूदा वक्त में शॉर्ट सर्विस कमिशन के जरिए सेना जॉइन करने वालों को कम-से-कम 10 वर्ष की नौकरी करनी होती है। सेना में इससे कम अवधि की ड्यूटी का प्रावधान अभी नहीं है।
शॉर्ट सर्विस कमिशन के प्रावधानों की भी समीक्षा
सेना के शीर्ष अधिकारी शॉर्ट सर्विस कमिशन के प्रावधानों की भी समीक्षा कर रहे हैं ताकि इसे युवाओं के लिए ज्यादा आकर्षक बनाया जा सके। भारतीय सेना को सालों से अधिकारियों की कमी हो रही है और इसलिए कमिशन में बदलाव का काम जल्द-से-जल्द करने का इरादा है। शॉर्ट सर्विस कमिशन की शुरुआत न्यूनतम 5 वर्षों की सर्विस के साथ हुआ था, लेकिन इसे ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया था।
Originally published: Navbharat Times

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