कोरोना काल में मंद बड़ी आर्थिक रफ्तार को तेज स्पीड देने के लिये मोदी सरकार ने अपना बजट पेश किया। वैसे तो इस बजट में आत्मनिर्भर भारत की छवि तो दिखाई दी, साथ ही कोरोना के बाद भी सरकार ने किसी तरह का अतिरिक्त बोझ देशवासियों पर नही डाला जबकि हैल्थ सेक्टर की रकम में काफी इजाफा किया गया।
आम आदमी को पर नही पड़ा कोई आतिरिक्त बोझ
कोरोना काल में देश के खजाने की क्या हालत हुई है ये सब जानते हैं, तभी बजट आने से पहले देश भर में ये सुगबुगाहट थी कि इस बार बजट में सरकार आम लोगो पर कोई कोरोना के नाम पर सेस लगा सकती है। लेकिन सरकार ने बड़ा दिल दिखाते हुए आम लोगो पर किसी तरह का टैक्स का बोझ नही बढ़ाया है बल्कि देश के सीनियर सीटीजन का बोझ और हल्का किया है। सरकार ने ऐलान किया है कि अब 75 साल से अधिक के लोगो को टैक्स फार्म भरने की कोई जरूरत नही होगी। इतना ही नही आम लोगो को राहत देते हुए सरकार ने आयकर जमा करने के लिये में भी कोई बदलाव नही किया है जो आम लोगो के लिए राहत से कम नही है। कोई वैल्थ टैक्स भी नहीं लगाया है इसके साथ कोई कोविड टैक्स या सरचार्ज भी सरकार ने लगाया है जिससे आम लोगो की जेब में कोई बोझ नही पड़ेगा।
हैल्थ सेक्टर की रकम में बढोत्तरी
कोरोना काल में इस बात की उम्मीद जताई जा रही थी कि हेल्थ सेक्टर को मोदी सरकार की तरफ से कुछ ना कुछ खास मिलेगा। मोदी सरकार ने कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में बढ़ोतरी की है और एक खास स्कीम भी चलाई है। मोदी सरकार ने बजट के जरिए आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना का तोहफा देश के लोगों को दिया। स्वास्थ्य बजट में 135 पर्सेंट का इजाफा हुआ है और इसे 94 हजार से 2.38 लाख करोड़ किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार इस मद में अगले 6 सालों में करीब 61 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने बताया कि इसके तहत प्राइमरी लेवल से लेकर उच्च स्तर तक की स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाएगा। नई बीमारियों पर भी फोकस होगा, जो नेशनल हेल्थ मिशन से अलग होगा। बजट में घोषणा की गई है कि 75 हजार ग्रामीण हेल्थ सेंटर खोले जाएंगे। सभी जिलों में जांच केंद्र, 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल खुलेंगे। नेशलन सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल, इंटिग्रेटेड हेल्थ इंफो पोर्टल को और मजबूत किया जाएगा, 17 नए पब्लिक हेल्थ यूनिट को भी चालू किया जाएगा।
यानी सरकार ने इस बजट में आम आदमी के हेल्थ का अच्छा खासा ख्याल रखा है। साथ ही आम आदमी की जेब पर कोई बोझ न बढ़ाकर उसे आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया है जिसके बाद ये कहा जा सकता है कि ये बजट एक सधा और बेहतर बजट है।