सुपर पावर कहे जाने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका कोरोना से निपटने मे बिलकुल असहाय नजर आ रहा है | अमरीका मे संक्रमितों की संख्या 85,390 पहुंच गई जो चीन और इटली से भी ज्यादा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तमाम दावे के बाद भी अमेरिका इस महामारी पर काबू करने में बुरी तरह से असफल नजर आ रहा है। कोरोना महामारी जंगल की आग की तरह से पूरे अमेरिका को अपने चपेट में लेती जा रही है।
गुरुवार को अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 85,390 पहुंच गई जो इस महामारी के गढ़ चीन से भी ज्यादा है। अमेरिका में अब तक 1200 से ज्यादा लोग इस महमारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। अमेरिका के बाद चीन का नंबर है जहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 81,340 और इसके बाद इटली है जहां 80,589 लोग संक्रमित हैं। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 700 को पार कर गई है जबकि 20 लोग इस महमारी से मारे गए हैं।
महाशक्ति अमेरिका की खुल रही पोल
इससे पहले अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका कोरोना वायरस का सबसे बड़ा गढ़ बन सकता है। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश अमेरिका इस महामारी का सबसे बड़ा शिकार हो सकता है। माना जा रहा है कि 33 करोड़ की आबादी वाले अमेरिका में अभी कोरोना वायरस के संक्रमण मामले और बढ़ सकते हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से महाशक्ति अमेरिका की पोल भी दुनिया के सामने खुलती जा रही है। अमेरिका के न्यू यॉर्क में गुरुवार को एक दिन में 100 मौतें कोरोना वायरस के कारण चली गईं। इसके साथ ही यहां मरने वालों की कुल संख्या 1295 हो गई है।
अकेले न्यू यॉर्क में कोरोना की चपेट में आने से 385 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे देश की बात करें तो यहां 74,573 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए जबकि सिर्फ 46 ही इलाज के बाद ठीक हो सके। न्यू यॉर्क में कोरोना के 37,258 मामले सामने आ चुके हैं। यहां हालात कितने बुरे हैं इसका अंदाजा न्यू यॉर्क के गवर्नर ऐंड्रू काओमो के बयान से लगता है। उन्होंने ट्रंप सरकार पर नाराजगी जताते हुए इस बात का खुलासा किया है कि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की हालत कितनी खराब है।
टेस्टिंग को लेकर घिरे डोनाल्ड ट्रंप
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने रवैये को लेकर आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने कहा था कि वह कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश के हर व्यक्ति का टेस्ट नहीं करा सकते हैं। उनके इस बयान पर डेमोक्रैटिक पार्टी लीडर हिलरी क्लिंटन की बेटी और राइटर चेल्सिया क्लिंटन ने टेस्टिंग की अहमियत बताते हुए कहा है, ‘हमारे पास इतनी क्षमता होनी चाहिए कि हम हर किसी को टेस्ट कर सकें। यह पब्लिक हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है और इकॉनमी के लिए भी अच्छा है।’

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