पिछले कई हफ्तों से अमेरिका वैक्सीन बनाने के कच्चे माल को लेकर लगातार आनाकानी कर रहा था। इसी को लेकर भारत और अमेरिका के अधिकारी कई लेवल पर लगातार बात भी कर रहे थे लेकिन बात बन नहीं रही थी। 2 दिन पहले अमेरिका ने भारत को वैक्सीन बनाने का कच्चा माल देने से साफ इनकार कर दिया था, जिसके बाद भारत के सामने बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया था। लेकिन एक बार फिर से भारत के संकटमोचन अजीत डोभाल ने इस संकट को खत्म कर दिया डोभाल से अमेरिकी एनएसए की बैठक के बाद अमेरिका कच्चा माल देने के लिये तैयार हो गया लेकिन ऐसा क्या डोभाल ने कहा कि अमेरिका राजी हो गया चलिये हम आपको बताते है।
अजीत डोभाल से क्या हुई बातचीत?
अमेरिका के एनएसए जैक सुलिवन ने अजीत डोभाल के सामने भारत की स्थिति को लेकर अपनी संवेदना प्रकट की है। अमेरिका द्वारा दिए गये बयान के मुताबिक अमेरिकी एनएसए ने भारतीय एनएसए से कहा कि ‘जैक सुलिवन ने भारत की स्थिति पर अपनी संवेदना प्रकट की है और अमेरिका भारत की हर संभव मदद करने के लिए तैयार है। अमेरिका की संवेदना भारत के लोगों के साथ है, जो इस वक्त जानलेवा कोविड महामारी से जूझ रही है। अमेरिका ने भारत को मेडिकल सामानों की फौरन आपूर्ति करने का फैसला किया है। भारत और अमेरिका एक साथ वैश्विक कोरोना महामारी से मिलकर मुकाबला करेंगे। जिस तरह से कोरोना वायरस के पहले लहर के दौरान भारत ने अमेरिका की मदद की थी, ठीक उसी तरह अमेरिका भी इस वक्त भारत की मदद करेगा’।
1 अरब वैक्सीन बनाने का रॉ-मैटेरियल देगा अमेरिका
एनएसए ने भारतीय एनएसएन अजित डोवाल से बात करने के बाद कहा है कि ‘अमेरिका ने तय किया है कि यूएस डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्परेशन यानि डीएफसी भारत बायोटक को एक अरब वैक्सीन निर्माण के लिए कच्चा माल देने के अलावा पैसा भी देगा, ताकि भारत बायोटेक वैक्सीन प्रोडक्शन को बढ़ा सके और कम से कम फौरन एक अरब वैक्सीन का निर्माण कर सके।’ अमेरिका ने कहा है कि भारत में कोविड की रफ्तार को रोकने के लिए भारतीय एक्सपर्ट्स की मदद करने के लिए अमेरिका भारत में मेडिकल एक्सपर्ट की टीम को भेजेगा जो भारतीय एक्सपर्ट्स के साथ काम करेंगे। इसके साथ साथ पीपीई किट और दूसरे सामान भी भारत को अमेरिका देना जा रहा है।
कोरोना महामारी के हाहाकार के बीच ये खबर जरूर काफी सुखद है क्योकि इससे कही न कही देश में वैक्सीन बनाने की क्षमता तो बढ़ेगी ही साथ ही वैक्सीनेशन की स्पीड भी काफी तेज हो सकेगी।