यूपी मध्यप्रदेश और गुजरात होता हुआ बुलडोजर दिल्ली पहुंच गया है। जी हां, जो लोग देश का माहौल खराब कर रहे है या फिर कानून को अपने से ऊपर मानते है उनके लिए ये बुलडोजर आजकल शामत बना हुआ है। दिल्ली के जहांगीरपुरी में आज उस जगह बुलडोजर चला जहां चंद दिन पहले दिल्ली को दंगे में जलाने की कोशिश की गई थी। आज उसी इलाके में अवैध रूप से रहने वालों पर निगम ने कार्यवाही की।
अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर
नार्थ दिल्ली के जहांगीरपुरी में आज नगर निगम ने अवैध निर्माण को लेकर बड़ी कार्यवाही की है। जिसके चलते इलाके में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवाया गया। इस बाबत नगर निगम ने पुलिस की भी सुरक्षा ली। मना जा रहा है कि इस काम को सुचारू रूप से चलाने के लिए करीब 400 से अधिक जवानों को तैनात किया गया था। गौरतलब है कि ये वही इलाका है जहां चंद दिन पहले दिल्ली को दंगे में जलाने की साजिश रची गई थी और आरोप लगा था कि इसी अवैध घरों में बंग्लादेशी और रोहिग्यों द्वारा इसकी साजिश रची गई थी जिनके खिलाफ सख्त एक्शन आज लिया गया। जैसा यूपी एमपी और गुजरात में भी देखा जा चुका है। वैसे दिल्ली के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। और कोर्ट में निगम के द्वारा अपना पक्ष रखने के लिये बोला है। ऐसे में सरकार ने तुरंत कार्यवाही भी रोक दी है जो ये बताता है कि सरकार किस तरह से कानून के हिसाब से काम करती है।
दंगाईयों की अब खैर नहीं, रासुका लगा और अब पहुंचा #Bulldozer #Jahangirpuri pic.twitter.com/W1kPCF7DQT
— India First (@OurIndiaFirst19) April 20, 2022
अवैध निर्माण को गिराने पर सियासत क्यों?
वैसे मजे की बात तो ये है कि पहले विपक्ष नगर निगम से ये सवाल करती है कि आखिर अवैध निर्माण पर वो कार्यवाही क्यो नहीं हो रही है और जब इस बाबत कार्यवाही होती है तो यही नेता कोर्ट पहुंचकर इसको रोकने का काम करते है। फिर लोगों के सामने अपने आपको उनका साथी बताकर सियासत चमकाने का काम करते है। आज भी दिल्ली में इसकी झलक देखी गई जब निगम के काम पर कोर्ट की रोक लगाने के बाद ये नेता बड़ी बड़ी बाते करने में लगे है और सरकार के साथ निगम को खलनायक के रूप में पेश कर रहे है। जबकि अवैध निर्माण करने वालों के साथ खड़े होकर अपने आपको उनको अपना हमदर्द बता रहे है जो उनकी दोगली सियासत का सबसे बड़ा उदाहरण है।
वैसे सियासत भी अजीब है वोट के लिये पहले तो रोहिग्या को बसाते है फिर उनको देश का नागरिक बताते है और नियम कानून से चलने वाले सरकार को खलनायक के रूप में पेश करते है। लेकिन शायद वो ये भूल गये कि अब देश बदल चुका है और उनकी ऐसी सियासत में नहीं फंसने वाला है।