सरकार ने अटकी आवासीय परियोजनाओं में फंसे मकान खरीदारों और रीयल एस्टेट कंपनियों को बुधवार को एक बड़ी सौगात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रियल एस्टेट सेक्टर में अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया हैं। रियल एस्टेट सेक्टर के लिए वित्त मंत्री ने 10 हजार करोड़ रुपये के फंड दिए जाने फैसला लिया हैं। सीतारमण ने जानकारी देते हुए बताया की इस फंड का इस्तेमाल अटके प्रोजेक्ट्स को पूरे करने के लिए किए जाएंगे। ताकि जिन लोगों ने अपने घर बुक किए हैं उन्हें घर मिल जाए। बिल्डर के चंगुल में फंस चुके 4.58 लाख होम बायर्स को मकान का कब्जा दिलाने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है। इस फंड से फंसे हुए 1600 प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा। फंड बिल्डर को नहीं दिया जाएगा। इस फंड से प्रोजेक्ट को पूरा कराने का काम एसबीआई कैपिटल्स की प्रोफेशनल्स टीम करेगी। इस फंड का नाम अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट फंड दिया गया है।
उन्होंने बताया कि मान लीजिए किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 400 करोड़ रुपए की आवश्यकता है तो ऐसा नहीं है कि एक बार में 400 करोड़ रुपए बिल्डर को दे दिए जाएंगे। जैसे-जैसे काम पूरा होता जाएगा, पैसे रिलीज होते जाएंगे।
इस फंड के तहत शुरुआत में 10,000 करोड़ की राशि जारी की जाएगी। इसके अलावा इसमें एलआईसी हाउसिंग और एसबीआई की ओर से भी पैसे डाले जाएंगे। उन्होने आगे कहा- कुल फंड फिलहाल 25 हजार करोड़ रुपये का निर्धारित किया गया है। उनका कहना हैं की कर्ज में डूबी हाउसिंग कंपनियों को राहत पहुंचाने के लिए विशेष खिड़की योजना शुरू की जाएगी।
कैबिनेट मीटिंग के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार, एलआईसी और एसबीआई की मदद से 25000 करोड़ का फंड बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सस्ते, आसान शर्तों पर फंड मुहैया कराया जाएगा। वित्त मंत्री की मानें तो जो प्रोजेक्ट NPA हो गए हैं या फिर NCLT में हैं उन्हें भी इसका फायदा मिलेगा। सरकार के मुताबिक रियल एस्टेट सेक्टर में देश में करीब 1600 हाउसिंग प्रोजेक्ट अटका हुआ है और 4.58 लाख घर इसमें फंसे हुए हैं।
वित्त मंत्री ने बताया कि होम बायर्स मकान खरीदने के लिए लोन का ईएमआई भी दे रहे हैं और इस तरह उन पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि किस प्रोजेक्ट का काम कब तक पूरा कर दिया जाएगा। यह प्रोजेक्ट के मूल्यांकन पर निर्भर करेगा कि किसे जल्दी पूरा किया जा सकता है।

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